आज जारी होगा देश का इकोनॉमिक सर्वे, जानें बजट से पहले क्यों महत्वपूर्ण होता है यह पेपर, आम भाषा में समझें देश की इकोनॉमी का हाल

दिल्ली : आज से बजट सत्र (Budget Session) की शुरुआत हो रही है. सत्र के शुरू होने पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद लोकसभा और राज्यसभा को एक साथ संबोधित करेंगे. इस साल इकोनॉमिक सर्वे रिपोर्ट 2021 (Economic Survey 2021) को भी सत्र के पहले दिन ही पेश किया जाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी. अमूमन बजट से ठीक एक दिन पहले इस रिपोर्ट को चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर की तरफ से पेश किया जाता है. लेकिन इस बार इसे आज यानी 29 जनवरी को ही पेश किया जाएगा. इस रिपोर्ट में बीते साल का लेखा-जोखा और आने वाले साल के लिए सुझाव रहते हैं.

हर साल केंद्रीय बजट पेश किए जाने से पहले आर्थिक समीक्षा पेश की जाती है. यह देश की इकोनॉमी की स्थिति को समझने के लिहाज से सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है. इस सर्वे में फाइनेंशियल ईयर के दौरान साल भर का आर्थिक विकास होता है. इस सर्वे में मनी सप्लाई, इन्फ्रास्ट्रक्चर, एग्रीकल्चर और इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन, रोजगार, इम्पोर्ट, एक्सपोर्ट जैसी बातों का जिक्र होता है. इसके अलावा इकोनॉमी से जुड़े मुद्दे पर सरकार अपना नजरिया रखती है. इस दस्तावेज में देश की इकोनॉमी के ब्रॉड प्रोस्पेक्ट, राजकोष, महंगाई दर और सभी तरह की आर्थिक गतिविधियों के बारे में विस्तार से सारी जानकारी उपलब्ध करायी जाती है.

कौन तैयार करता है इकोनॉमिक सर्वे
वित्त मंत्रालय के अंडर में एक डिपार्टमेंट है इकोनॉमिक अफेयर्स. इस रिपोर्ट को डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स यानी DEA की तरफ से तैयार किया जाता है. कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम अभी देश के चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर हैं और वे ही इस साल सर्वे रिपोर्ट को पेश करेंगे. केवी सुब्रमण्यम की नियुक्ति दिसंबर 2018 में की गई थी. इकोनॉमिक सर्वे दो वॉल्‍यूम में बंटा होता है. आमतौर पर पहले वॉल्यूम में अर्थव्यवस्था की चुनौतियों पर फोकस रहता है और दूसरे वॉल्यूम में अर्थव्यवस्था के सभी खास सेक्टर्स का रिव्यू होता है. इसके अलावा स्टेटिस्टिकल अपेंडिक्स भी आता है, जिसमें कई तरह के आंकड़े होते हैं.

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